वादाखीलाफी / धोखाधड़ी


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 वादाखीलाफी / धोखाधड़ी
            दोस्तो,
         अक्सर देखा गया है, दिऐ गऐ वक्त पर निकाह होता नही। वक्त दिया गया है, बाद असर के और निकाह हो रहा है, बाद इशा के। अरे भाई जब हमने सरे आम कार्ड प्रिंट करके एलान किया है। याने वादा किया है, की इस वक्त निकाह होगा, फिर देरी करना वादाखीलाफ़ी हुई ना। अल्लाह तआला को ये बात नापसंद है। क़ुरआन और हदीस मे साफतौर पर बताया गया है। जैसे के "जब वादा करो तो पूरा करो, बेशक वादे के बारे में पूछ होगी" [ सुरतुल इस्त्रा : 34 ]
            इसी तरह शादी / वलीमा के खाने की बात- महंगे से महंगा शादी का कार्ड और बहोत महंगी हाॅल की रौनक, दस बारा तरह के खाने, मगर तीन चार जमात के बाद खाने का सारा निज़ाम ही बदल जाता है। किसी को कुछ मिलता है, किसी को कुछ नही। अक्सर देरी से खाने बैठे लोंगो को मीठा और स्टार्टर मिलता ही नही।
             दावत …
[5:29 pm, 6/1/2025] Dady: एजुकेटेड मुस्लिम दामाद चाहिए❓
          दोस्तो, उन्वान जरा तिख़ा है, मगर ये हकीक़त है। जरा किसी भी मॅरेज ब्यूरो मे तहकीक़ात करेंगे तो हमे पता चलता है की, 95% वेल-एजुकेटेड और वेल-सेटल्ड मुस्लिम लड़को को पढ़ी-लिख़ी लेकिन घरेलू बीवी चाहिए। [ पढ़ी-लिख़ी से मुराद है-12वी या ग्रॅज्युएट ]
          लड़कियां सिंसियरली और पूरी पाबंदी के पढ़ाई कर रहीं है। फिर बात आती है, इतनी पढ़ाई करने के बाद घर क्यों बैठना। पढ़ाई का कुछ तो फायदा होना चाहिए ना।
          ये हकीक़त है की, सिर्फ 12% मुस्लिम बच्चे पोस्ट ग्रॅज्युएट तक पहूँच पाते है। जबकी मुस्लिम लड़कियां का पर्सेंटेज है 78% । असंतुलीत पढ़ाई के इस रेशो ने खानदानी निज़ाम / इन्तेजाम [ पारिवारिक व्यवस्था ] पूरी तरह बरबाद कर रहा है। आजकी ये हालत है। नौजुबिल्लाह आते 5/7 सालों मे मंझर बड़ा भयानक होने वाला है।